- 42 Posts
- 227 Comments
नोट ; हम कहते हैं हमारे पास नोलेज का खजाना है । बात सही है लेकिन साथ में भ्रम बहुत फैला हुआ है । क्या सच क्या जुठ तय करना मुश्किल है । मैं सिर्फ दुसरों से सहमत हुं ईस लिए लिखा है, सब को सहमत होना जरूरी नही ।
.
एक जगह पढा पाकिस्तान की स्कूलों में पोलिस बन्दोबस्त के साथ डोक्टरस बच्चों को वेक्सीन देने पहुंच गये थे । आगे खोज की तो पता चला की अमरिकामें भी यही हालत है । भारत में ऐसी बात सुननेमें नही आई है । मांबाप की मरजी के बिना ही बच्चों को किसी ना किसी बहाने वेक्सीन के इन्जेक्शन दिये जाते हैं । वेकसीन देना जरूरी होता है लेकिन ईसका फायदा शैतानी दिमाग उठा रहे हैं ये बात अब जनता को मालुम हो गई है । उस शैतानी दिमाग का एक सदस्य अमरिका का बील गेट है जो पिछले साल भारत आया था महा दानेश्वरी बनकर पोलियो की वेक्सीन ले कर ।
ईस चार्ट में जीस देशमें ज्यादा टीके लगाये गये हैं वहां केन्सरका प्रमाण ज्यादा मिला है । ऑस्ट्रेलिया और न्युजीलेन्ड में ज्यादा टीका तो ज्यादा केन्सरके दरदी है और मिडल आफ्रिकामें सबसे कम है टीका और दरदी ।
ईन लोगों को समजने के लिए ७वें दशकमें जाना होगा । १९७० से पहले भारत का आम नागरिक केन्सरके बारे में ज्यादा जानता नही था । क्यों की ये रोग बहुत ही कम लोगों को होता था । वैसे तो १५वी सदी से ईसे पहचान लिया गया था । १९६९ से SV40 नाम के केंसर के वायरस पोलियो और दूसरे वेक्सीन के साथ मिलाते रहे हैं ये पापी लोग ।
दुनिया की प्रजा को मारने ले लिए उन के एजन्डे नं २१ मे आबादी को कम करने के लिए बिल गेट बहाना निकालता है की वातावरण में कार्बन बढ रहा है, मानव जात का जीना मुश्किल होगा । सुत्र भी दिया है कार्बन डयोकसाईड = आदमी * सर्विसिस * एनर्जी * कार्बन पर युनिट । जब की वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कार्बन डयोकसाईड का बूरा प्रभाव धरती पर नही पडता ।
इस विडियोमें हम देख सकते हैं वो उनके लोगों को कैसे समजा रहा है ।
Bill Gates wants a Billion Dead! Vaccines and Health Care will do the Job!
डो.हॅलिमेन २००५ में मर गया है लेकिन उनका इन्टरव्यु बचा है । पोलियो की वेक्सीन में केन्सर के विषाणु और आफ्रिका से एईड्स की आयात ईसने की थी, कबूल लिया है । ८० के दशक में एक बडे फिल्मस्टार को अप्राकृतिक संबंध को ले के एईड्स हो गया और काफी प्रचार भी किया था काफी लोगों को याद होगा । ईस के बाद कीसी दूसरे ने स्वाईन फ्लु बनाया । लेकिन अभी कबूला नही है केसीने । ये तो बेशरम हो के यहां तक बोल गया की अब ओलंपिक हम जीतेन्गे, रशियावाले को ट्युमर होगा ।
वेक्सीन या टीकों को लेकर युरोप और अमरिकामें बहस छीड गई है । टीके जरूरी तो है लोकिन इन राक्षसों से बचने का उपाय क्या है ? ईस विषय पर एक महिला ने एक बडी सी डोक्युमेंटरी बनाई है जो आज वहां पर बहुत चर्चित है — The Greater Good
भारत में कोइ जानता तक नही । ये भी नही जानते बिल् गेट युपी के मुख्यमंत्री के साथ क्या कर रहा है ?
मिडिया तो गॅट चालिसा पढ रहा है ।
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स पिछले साल दुनिया के सबसे दौलतमंद इंसान होने का खिताब नहीं पा सके थे। इसकी वज़ह यह थी कि उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया था।
बिल गेट्स अब बड़े पैमाने पर अपनी संपत्ति दान कर रहे हैं और पिछले साल उन्होंने अपनी आय का एक तिहाई दान कर दिया था। उनकी चैरिटेबल संस्था का नाम है बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और यह संस्था दुनिया भर में स्वास्थ्य और विकास तथा अमेरिका में शिक्षा के लिए काम करती है।
एक जानकार का कहना है कि पिछले साल बिल गेट्स ने 28 अरब डॉलर दान कर दिए थे। फिलहाल गेट्स की संपत्ति 49 अरब डॉलर की है और वह दूसरे नंबर पर हैं। पहले नंबर पर हैं मेक्सिको के कार्लोस स्लिम जिनके पास है 60 अरब डॉलर की। वारेन बफे तीसरे नंबर पर हैं
जिनके पास हैं 47 अरब डॉलर।
अगर बिल गेट्स लगातार दान नहीं करते होते तो उनके पास 88 अरब डॉलर की संपत्ति होती। भले ही वह अब दुनिया के सबसे दौलतमंद इंसान नहीं हैं लेकिन दुनिया के सबसे बड़े दानी जरूर हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की स्वास्थ्य एवं कृषि सेवाओं में सुधार के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है.
बिल गेट्स मुख्यमंत्री यादव से मिलने के लिए लखनऊ आए थे.
उत्तर प्रदेश सरकार की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्य सरकार और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन दो महीने के भीतर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे.
विज्ञप्ति के अनुसार गेट्स फाउंडेशन जच्चा- बच्चा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं, टीकाकरण और खेती के कार्यक्रमों में राज्य सरकार को तकनीकी, डिजाइन और प्रबंधकीय सुविधाएँ देगा.
स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के अनुसार मुलाक़ात के दौरान मुख्यमंत्री श्री यादव ने बिल गेट्स से कहा कि उत्तर प्रदेश को वित्तीय सहायता के बजाय तकनीकी और प्रबंधन की सुविधाएँ चाहिए.
जगत की दूसरी प्रजा की तरह भारत की प्रजा का दिमाग शातिर नही है । लोग भोले हैं । सामनेवाले का ईरादा समज नही सकते । विश्वास कर लेते हैं । हजारों सालों से विश्वासघात का सामना करती हुई ये प्रजा जब शक करना सिख लेगी तब ही दुसरी प्रजा का सामना कर पायेगी ।
ये है टाईटल फिल्म ।
Billionaires Decide Who Lives Who Dies
.
Read Comments