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गोड की पसंदगी के लोग

भारत बाप है, मा नही
भारत बाप है, मा नही
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गोड कौन है किसी को मालुम नही पर उसने एक बार अब्राह्म को पास बूला कर कहा की तूझे और तेरी संताननों को पूरी पृथ्वि आशिर्वाद के रूप में देता हुं । तब से अब्राह्म अपने आप को पूरी पृथ्वि का मालिक समजने लगा, और अपने बच्चों को भी बताता रहा । अब्राह्म जीस जीवन शैली से रहता था उसे यहुदी धर्म कहा गया । कुछ पिढियों के बाद उस के विशाल परिवार वैचारिक हिस्से में बंट गया । इसा नाम के आदमी ने दावा किया की मैं गोड की पसंद हुं मै कहता हुं ऐसे जीना है और वो ही हमारा धर्म है, और इसाई धर्म की स्थापना कर दी । महम्मद नाम का आदमी बोला मै ही खूदा की पसंद हुं, मैं कहुं वो ही धर्म है, और इस्लाम धर्म की स्थापना हो गई । ऐसे एक धर्म से तीन तीन धर्म पैदा हो गये, १ यहुदी ( ओरिजिनल, अब्राह्मवाला) २ इस्लाम ३ इसाई, और तीनों दावा ठोकने लगे हम लोग ही उपरवाले की पसंद है, हमें ही पृथ्वि भेंटमें मिली है, हमे ही उस पर राज करना है ।

पृथ्वि पर अधिकार के लिए इस्लाम और इसाई प्रजा क्रुजेड और जेहाद के नाम पर सदियों तक कटती रही । यहुदी प्रजा जगत की अन्य प्रजा की तरह इन दोनों की शिकार होती रही, साथ में अलग तरिके से मजबूत बनती रही । अपना सारा ध्यान व्यापारमें लगा दिया और आज की तारिख में धन के बल पर उसी प्रजा ने साबित कर दिया की गोड की पसंद के लोग वही है और उसे ही राज करना है । जी हा, हमारे बन बैठे मालिकों की बात लिख रहा हुं ।

ये मालिक ब्रिटन के राज महेल से दूर अपना ही एक अलग छोटासा टाउन बना के रहते थे । इस टाउन की नीव इसा की पहली सदी में रोमन व्यवसायीयों ने डाली थी । युध्ध होते रहे, राज परिवार बदलते रहे । हजर साल पहले, सन १०६७ राजा के साथ समजौता किया । इस टाउन के नागरिक राजा के वफादार रहेंगे, राजा को जितने भी धन की जरूरत पडे, ये नागरिक देंगे लेकिन शरत इतनी की राजा कभी भी उनके काममें कोइ दखल न दे, राजा का कोइ भी कानून इस टाउन को लागू नही होने चाहीए । लंडन शहर के बिचो बीच आज भी ६७७ एकर का एक छोटासा ८००० की आबादीवाला स्वतंत्र देश “सिटी ओफ लंडन कोर्पोरेशन” मौजुद है ।

City of London

City of London Corporation – Financial power centre, established in 1067

इस सीटी के आदमी इस सिटी से बाहर ब्रिटन की कीसी भी संस्था में बडे पद पर लग जाता है लेकिन बाहर का आदमी इस सिटीमें कभी बडे पद पर नियुक्त नही होता । ब्रिटन की पार्लमेंन्टमें भी चुन के जाते है लेकिन वहां का कानून लागु नही होता । इन का राज परीवावार से सिधा संबंध है । दिनमें बाहर से दो ढाई लाख आदमी बाहर से काम के लिए आ जाते हैं । विश्व की ५०० बेंकों के, बडे बडी कंपनियो के हेडक्वोर्टर्स यहां पर है । युनो, अमरिका का डिस्ट्रिक्ट ओफ कोलंबिया (जो अमरिका के कंट्रोलमें नही है), नाटो की सेना, युरोप के १३ राज घराना और अति घनवान परिवार, कमिटी-३००, इन सब के अधिकारियों की मिटिन्ग, सबके निर्णय इस सिटीमें लिये जाते हैं । दुनिया के देशों में किसे प्रमुख बनाना चाहिए किसे पद से उतारना है यहां तय होता है । वेटिकन सिटी में किसे पोप बनाना है निर्णय ये लोग लेते हैं ।800px-Lord_Mayor_of_London_-_John_Stuttard_-_Nov_2006

सारी दुनिया को कैसे हेंडल करना है वो सारे निर्णय यहां होते है । एक तरिके से पूरी दुनिया पर इस सिटी का राज है । न्यु योर्क का वोलस्टीट इस का ही एक हिस्सा है ।

यहां यहुदी ही रह गये हैं ऐसा नही है अब सारे धनपति आ गये हैं, जीनका स्थापित धर्म के साथ लेना देना नही है । उनका अपना मॅसोनिक धर्म है । सिटी के बीचमें मेसोनिक लोज (पूजा स्थल) है । ल्युसिफर नाम के शैतान की पूजा करते हैं । और अपनी जात को क्रुरतम और निर्दयी बनाने के लिये भयांकर तांत्रिक विधी भी कर लेते हैं और कभी बच्चों की बली चडाना भी नही चुकते ।

ईस सिटी का मुखिया अभी चुमाव जीता है । इसे लोर्ड ओफ मेयर कहा जाता है ।

कमिटी-३०० (इस्ट इन्डिया कंपनी) दुसरे दरजे के घनपति है, वाया सिटी ओफ लंडन कोर्पोरेशन, ये लोग पूरी दुनिया का फाईनान्स हेन्डल करते है । आईएमेफ, वर्ल्ड बेन्क, फेड रिजर्व, युरोपिय सेन्ट्रल बेन्क और दुनिया भरकी बेन्किन्ग सिस्टम का नियंत्रण करते हैं । विकासशील देशों को करजे में डुबा कर विकसित देशों के गुलाम बनाते हैं । ग्रुप ७,२० और ३० इन्वेस्टमेन्ट बेन्कों के फाईनासियल रेग्युलेटर और दलाली के काम करते है एक आर्थिक

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आतंकवादी की तरह ।

The (Secret) City of London, Part 1: History
The (Secret) City of London, Part २: History

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