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सोना, तूम मत चमको अभी

भारत बाप है, मा नही
भारत बाप है, मा नही
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चिदम्बरम ने देश की महिलाओं को कहा है की एक साल के लिए सोना खरिदना रोक दे, देश की खातिर । और देश के खातिर ही रिजर्व बेन्कने बेन्कों को आदेश दिया है की ५० ग्राम से अधिक सोना कोइ भी ग्राहक को ना बेचे । बेन्कों को ये भी आदेश दिया है किसी भी ग्राहक को ५०० ग्राम सोने से ज्यादा सोने पर लोन मत दो, ग्राहक को धन की जरूरत है तो बाकी सोना बेचने ले लिये मजबूर कर दो ।

देश की खातिर सोने पर आयात ड्युटी भी ४% से ६% और अब ८% कर दी है । सोना थोडा सस्ता हुआ तो ड्युटी से मेहंगा कर दिया ।

भाई मांजरा क्या है ?

देश के खातिर ये भी कह सकते थे, मोटर के बदले पब्लिक ट्रन्सपोर्ट का उपयोग करो, सायकल का उपयोग करो, पूराने मोबाईल चला लो नये अभी मत खरीदो । बेतहाशा खर्चा मत करो बचत करना सिखो, बिन जरूरी चीजें मत खरीदो, किलो सब्जी के लिए १०० के नोट की जरूरत पडेगी ।

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असलमें मालिक दिवालिया हो गया है । यु एस के पास रहे जर्मनी के सोने के जथ्थे का हिसाब जर्मनी नें मांगा । जर्मनी देखना चाहता है की वो जथ्था है या उडा दिया ?

जर्मनी अपने सोने के स्टोक का आधा हिस्सा फेडरिजर्व के NYC FED vaults में रखता है । जर्मनीने तय कर लिया है की वो अपना सोना वापस जर्मनी लाना चाहता है । फेड ने मना कर दिया है २०२० तक संभव नही है ।
फिर जर्मन सरकार ने कहा तो हमे कमसे कम चेक तो कर लेने दो हमारे सोने का सही जथ्था वोल्ट में सहिसलामत है या नही ! लेकिन फेडने चेक करने से मना कर दिया है । सिक्युरिटी का बहाना बताया गया “विजिटर अलाउड नही है” । सोना रखनेवाली सरकार विजीटर !!?

क्यों की सोना नही है उडा दिया है । ये दो विडियो ये बात साबित करते हैं ।

Federal Reserve Admits “We Have NO Gold”

Germany Wants Its Gold Back From the Fed

अब फेड ने अपनी इज्जत बचाने के लिए दुनिया भरकी सरकारों में रहे अपने प्यादों को समजा दिया है की ऐसी पोलिसियां लाओ की सोना हम जनता के हाथ से सस्तेमें कवर कर लें । अब सरकार मालिकों को बचाना चाहती है । मालिकोंने नकली सोना चालाने की कोशीश की तो पकडे गये । कुछ महिने पहले नकली सोनेका शीपमेन्ट चायना को भेजा था जो चायना ने इज्जत रखते हुए वापस भेज दिया था । मालिकों को अब असली सोने का भंडार चाहिये वरना उनका डोलर झिरो होने वाला है । कैसे भी करो, अभी सोनेका भाव गीराओ डोलरका भाव बढाओ । नागरिकों को खरीदने मत दो, सारा सोना मालिकों को सस्तेमें कवर कर लेने दो ।

गिरते हुए रुपियों का नूकसान सोने के रूप में रही संपत्ति ही भरपाई कर सकती है । लेकिन भारत की जनता का भाग्य कहां की उन्हें अपनी भारतिय सरकार मिले उनका ख्याल रखने के लिए ।

अब जीन जीन नागरिकों के पास केशमें धन है, या जीन जीन कर्मचारियोंने अपने फंड जमा करवाये हैं उन सब को रोना हैं क्यों की सरकार रुपयेकी वेल्यु गिराकर आप के केश धन की सारी वेल्यु खा जायेगी । आप हाथ में वेल्युलेस कागज के नोट गीनते रह जाओगे । नागरिकों से छीना गया ये धन कुछ लाख करोड में नही बल्की कुछ करोड करोड में हैं और ये भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार विरोधी भ्रष्टाचारियों को नही दिखेगा । क्यों की भ्रष्टाचारी और भ्रष्टाचार विरोधी एक ही जमात के है, अलग है तो भोली जनता । कोइ दो मिठे शब्द बोल दें या उनकी पिडा की बात कर दे तो साथ में चलने लगती है ।

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